ज़बूर–51
फज़ल नाल ऐ रब्ब
बक्श गुनाह सब मेरे
वांगूँ फज़ल रहम कर
तूँएँ उत्ते मेरे-2
1. चंगी तरहाँ धो दे
मेरी कर सफाई-2
मैंनूं कर तू पाक साफ
बक्श दे सब बुरयाई-2
2. क्यों जो सब बुरयाई
अपनी मैं मन लैनदा-2
मेरा जो गुनाह है
मेरे अग्गे रैंहन्दा-2
3. ऐ ख़ुदा मैं तेरा
गुनाह कीता भारी-2
तेरे ही हज़ूर विच्च
बदी कीती सारी-2
4. ताँ तूँ अपनी गल्ल विच्च
सच्चा हो हर हालत-2
रास्ती ज़ाहिर होवे
करें जद अदालत-2
5. मैं वी पैदा होया
वेखो विच्च बुरयाई-2
मैंनूं विच्च गुनाह दे
जम्मिया मेरी माई-2