मेरे माँगने से ज़्यादा
मेरे सोचने से अच्छा
मैने पाई है आशीष येशू से
में भटका हुआ मुसाफिर
मेरी राहों में थी मुश्किल
मैने पाई है मंज़िल येशू से-2
1. गैरों ने छोड़ा,
अपनो ने भी ठुकराया
वीरान थी ज़िंदगी
आँखों में आँसू, तन्हाईओं की रातें
मुश्किल में थी ज़िंदगी-2
तूने अपना लहू बहाया,
गुनाहों को मेरे धोया
मैने पाई है मुआफ़ी येशू से
2. जीवन ये मेरा, है तेरे हवाले,
तूने ही दी, हर ख़ुशी
जाऊँ जहां मैं, दूं तेरी गवाही,
कितना अच्छा है, तू मसीह-2
तूने बाहें फैलाई,
मुझ को दे दी चंगाई
मैने पाई है शांति येशू से