मेरी लाश को तूने जान दी
मुझे बक्श दी नई ज़िन्दगी
तेरा शुक्रिया ऐ मेरे मसीह
तेरी मौत है मेरी ज़िन्दगी
1. मैं गुनाहों का ओढ़े कफ़न
अपनी खताओं में था दफ़न
जब ज़िन्दगी मेरी मौत थी
तूने बक्श दी है सलामती
2. भटका फ़िरा मैं फ़िक्र से
लिया काम तूने है सब्र से
अपनों ने जब बेगानी की
तब तू हुआ है मेरा मसीह