ज़बूर – 119
मैंनू तू रिहाई दे वेख मुसीबत मेरी
मैंनू तू रिहाई दे वेख मुसीबत मेरी-3
1. दे तू रिहाई मैंनु ख़ुदा याह
दे तू रिहाई,
दे तू रिहाई मैंनू ख़ुदा याह
भुलाया ना शरा मैं तेरी…मैंनू तू रिहाई
2. मेरा मुक़द्दमा आप्पे तूँ लै लै
मेरा मुकद्दमा,
मेरा मुक़द्दमा आप्पे तूँ लै लै
होवे खलासी ताँ मेरी…मैंनू तू रिहाई
3. कर अदालत मैंनु जिवा लाईं
कर अदालत
कर अदालत मैंनु जिवा लाईं
रहमत तेरी है बथेरी
4. तेरा कलाम मुढों याह रब्ब सच है
तेरा कलाम
तेरा कलाम मुढों याह रब्ब सच है
सच्ची है अदालत तेरी