ज़बूर – 66
सारेयो लोको साड़े रब्ब नू
धन्न धन्न आख के गाओ-2
ओहदी उस्तत दे विच
सभो खुश आवाज सुनाओ
1. साड़ी जिंन्दड़ी नू हयाती-2
आप अता फरमावे-2
साड़े पैरां नू ख़ुदावंद
तिलकन तो बचावे
2. ऐ ख़ुदावंद तूँ ते सानू-2
आपे है अज़्माया-2
ताया तूँ अजेहा सानू
ज्यों रुपे नूं ताया-2
3. साडेयाँ लक्काँ ते दु:ख वधा-2
फाही विच फसाया-2
तूएँ साडेयाँ सिरां उत्ते
लोकाँ नू चड़ाया