1. मैं पापों में डूबा, (ऐसा डूबा-2)
आँखों में थे आसूँ, (सबने छोड़ा-2)
पर तू आया मेरे जीवन में
ले के मुक्ति (खुशियाँ) ले के प्यार
को. येशू तू है महान् (तेरी जय-3)
2. मैं दुनिया की भीड़ में
तुम्हें ढूंढ़ता था
नफ़रत और मतलब की दुनिया में
मैं घुमता था
पर तू आया मेरे जीवन में
ले के मुक्ति ले के प्यार