अति सुंदर, तू वर्णन से परे,
लफ़जो के लिए भी अद्भुत
बयान के भी है तू अपार
देखा ना सुना है कभी
समझे कैसे, तेरा ज्ञान है असीम
कौन नापे, तेरे गहरे प्रेम को
अति सुंदर, तू वर्णन से परे
तेजस्वी राजा विराजमान
1. मैं खड़ा, हूँ खड़ा, तेरी आदर में
मैं खड़ा, हूँ खड़ा, तेरी आदर में
पवित्र ख़ुदा, तारीफ़ के काबिल
हूँ खड़ा, तेरी आदर में
2. मैं खड़ा, हूँ खड़ा, तेरी आदर में
मैं खड़ा, हूँ खड़ा, तेरी आदर में
पवित्र ख़ुदा, तारीफ़ के काबिल
हूँ खड़ा, तेरी आदर में