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आदि और अन्त तू ही है – Aadi Aur Ant Tu Hi Hai

1. आदि और अन्त तू ही है,

अल्फा और ओमेगा तू ही है,

दूतों की स्तुति तू ही है,

बुद्धि और सब ज्ञान तू ही है,

को. यीशु तू महान है,
यीशु तू अच्छा है,
यीशु तू जिन्दा है,
यीशु तू धन्य है,
दूतों की स्तुति तू ही है,
बुद्धि और सब ज्ञान तू ही है,
राजाओं का राजा तू ही है,
प्रभुओं का प्रभु तू ही है

3. जीवन भरा पाप से मेरा,

जग अन्धेरा और अशुद्ध सारा,

मेरे पापों से बचाने को,

मेरे लिए जीवन दिया है,

4. सारे गुनाहगारों के लिए,

अपना खून बहाया यीशु ने,

खाई कोड़ों की मार भी,

दी सलीब पर उसने अपनी जान,

5. वायदा किया है तू ने,

वायदा तू करता है पूरा,

वायदे के लिए आते है,

बरकतों की बारिश अब उण्डेल,

6. न्याय करने आने वाला है,

न्याय के साथ राज करने को,

धर्मियों को लेकर न्याय से,

सिंहासन पर राज करेगा