ज़बूर – 18
1. आपे उपरों हत्थ वधा के
मैंनु रब्ब बचावेगा-2
ओह डूंगे पानी विचों
मैंनु खिच्च लै जावेगा
आपे उपरों हत्थ वधा के
मैंनु रब्ब बचावेगा
ओह ज़ोर मेरा है
मेरा प्यार है ओहदे नाल
2. मेरे भारे दूती दुशमन
जिन्हाँ वैर वधाया है
ओहनाँ कोलों मेरे रब्ब ने
मैंनू आप छुड़ा है
ओह ज़ोर मेरा है
3. मेरा कीता साम्हणा ओहनां
जदों सां मैं बिपता नाल
पर ख़ुदावंद मेरा रब्ब सी
मेरा ओह छुड़ाने वाल
ओह ज़ोर मेरा है
4. मैंनु खुल्ले था दे उत्ते
आपी कढ़ लियाया सी
मेंहरबान है मेरे उत्ते
मैंनु आप छुड़ाया सी
ओह ज़ोर मेरा है