ऐ ख़ुदावंद मुझको जाँच,
मेरे दिल की हालत जान
जो हो गलती तू सुधार,
मानूँगा तेरा आभार
1. प्रभु तू मेरा उठना और,
बैठना सब जानता है,
सदा तू रहता है मेरे साथ,
कैसे करूँगा मैं फिर अपराध
2. मेरे विचारों को तू दूर से,
जानता है कि कैसे हैं
जितने किये मैंने गंदे विचार,
उनको मिटाकर भर अपना प्यार
3. तेरी इच्छा पे मैं चलूँ,
यही है मेरे जीवन का आधार,
जब तक जीयूँगा मैं तेरे लिये,
सेवा करूँगा मैं तेरे लिये