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Songs

जो था, जो है,
जो आने वाला है
जो रूहों को बचाने वाला है-2
मेरा ख़ुदा, तेरा ख़ुदा-2
यहोवा आला है

1. आदि में जो था वचन   

हुआ जिससे उजाला

हम थे अंधेरे में खोए

हम उसने संभाला-2

2. वो अल्फ़ा, वो है ओमेगा

हमें उसने रचाया

देके लहू उसने हमको

पापों से छुड़ाया-2

3. थोड़ा समय अब है बाकी 

यीशु जल्दी आएगा

वादा किया उसने हम से

संग अपने ले जाएगा-2

जो लोग मसीहा पर ईमान रखते हैं
भूखे प्यासे हरगिज़ वह कभी न रहते हैं

1. भरोसा नहीं रखते

घोड़ों और रथों पर

जो यीशु मसीहा पर

आँखों को लगाते हैं

2. उनकी आशाओं को

वो पूरी करता है

जो अपनी सूली को

ख़ुद आप उठाते है

3. वह ताज जलाली भी

उनको पहनाता है

जो नक़्शे मसीहा पर

दिन रात ही चलते है

जो क्रूस पर कुर्बां है,
वो मेरा मसीहा है
हर जख्म जो उसका है,
वो मेरे गुनाह का है

1. इस दुनिया में ले आये,

मेरे ही गुनाह उसको,

मेरे ही गुनाह उसको

ये ज़ुल्म-ओ-सितम उस पर,

मैंने ही कराया है

2. इंसान है वो कामिल,

और सच्चा ख़ुदा वो है

और सच्चा ख़ुदा वो है

वो प्यार का दरिया है,

सच्चाई का रास्ता है

3. देने को मुझे जीवन,

ख़ुद मौत सही उसने,

ख़ुद मौत सही उसने

क्या खूब है कु्र्बानी,

क्या प्यार अनोखा है

जीवन से भी उत्तम, तेरी करुणा-2

होठों से स्तुति, करूंगा सर्वादा

यीशु नाम से मैं हाथ उठाऊंगा

तेरे नाम से मैं हाथ उठाऊंगा-2

होठों से स्तुति, करूंगा सर्वादा

यीशु नाम से मैं हाथ उठाऊंगा

है शफकत तेरी ज़िन्दगी से बेहतर-2

होठों से स्तुति, करूंगा सर्वादा

यीशु नाम से मैं हाथ उठाऊंगा

जीवन की खोज में निकला रे-2
यीशु पाया, यीशु पाया-2
मार्ग पाया, सत्य पाया,
जीवन पाया रे-4
ओ साथी रे, साथी रे
ऐ बंधु रे, बंधु रे

1. इस दुनिया में,

घोर अंधेरा शैतां ने है,

डाला डेरा सबके मन को,

उसने घेरा-2

ओ निकला उजियारे की खोज में-2

यीशु पाया, यीशु पाया…मार्ग पाया…

2. मन के अंदर, पाप की नगरी

भरती जाये, कर्म की गगरी

कौन बचाये, भव सागर से

हाँ, मेरी प्यासी अंखियाँ तरसे

निकला छुटकारे की खोज में-2

यीशु पाया, यीशु पाया…मार्ग पाया…

जिस क्रूस पर यीशु मरा था,
वह क्रूस अद्भूत अब देखता हूँ
संसारी लाभ को छोटा सा,
और यश को निन्दा जानता हूँ

1.  मत फूल जा मेरे मूरख मन,

इस लोक के सुख और सम्पत्ति पर

हो ख्रीष्ट के मरने से प्रसन्न,

और उस पर सारी आशा धर

2.  देख उसके सिर हाथ पावों के घाव,

यह कैसा दु:ख और कैसा प्यारा

अनुठा है यह प्रेम स्वमान,

अनूप यह जग का तारणहार

3.  देख लोहू चादर के समान,

उस के शरीर को ढाप रहा

हे मन! संसार को बैरी जान,

और ख्रीष्ट के पीछे क्रूस उठा

4.  जो तीनों लोक दे सकता मैं,

इस प्रेम के योग्य यह होना क्यूँ

हे यीशु प्रेमी आप के मैं,

देह और प्राण चढ़ाता हूँ

जय जयकार-3,
यीशु तेरी जय जयकार
यीशु तेरी जय जय-2…यीशु तेरी

1. अनुग्रहकारी दाता है,

भला वह सबका चाहता-2

वो ही करता है उद्धार-2

2. अति करुणामय दयालु है,

क्रोध विलम्ब से करता है-2

3. गिरते हुओं को उठाता है-2

बोझ सबका वो सबका हटाता है-2

महिमा तेरी आपार-2

जय जय यीशु, जय जय यीशु
जय मृत्युंजय जय जयकार
सिरजनहार, पालनहार, तारणहार

1. दीनो का दुःख हरने वाला

हृदय में शांति भरने वाला

जय जनरंजन, जय दु:खभंजन

2. नर-तन वार लियो अवतार,

दे निज प्राण कियो छुटकारा,

जय जगदाता, जय सुखदाता

3. मृत्यु के बंधन भंजनहारा,

अक्षय जीवन देवनहारा,

रोगिन, शोकीन एक आधारा

4. जय-जैकार करो सब प्यारो,

नर-नारी एक संग पुकारो,

नारा मारो, जय ललकारो

जय देने वाले प्रभु येशु को,
कोटि कोटि धन्यवाद-2
हल्लेल्लुयाह हल्लेल्लुयाह गायेंगे-4
येशु जिंदा है वो आने वाला है-2
जय देने वाले प्रभु येशु को,
कोटि कोटि धन्यवाद-3

1. शांति देने वाले प्रभु येशु को…

2. मुक्ति देने वाले प्रभु येशु को…

3. आनंद देने वाले प्रभु येशु को…

4. चंगा करने वाले प्रभु येशु को…

5. जीवन देने वाले प्रभु येशु को…

6. तृप्ति देने वाले प्रभु येशु को…

जय जय नाम येशु नाम
गाऊं मैं सुबह शाम-4

1. बल हीन का सहारा

पापियों का दोस्त है वो

येशु तू है कितना प्यारा

शब्द में कैसे बताऊँ

2. तुझ में बना रहूं तो

अमृत फल लाऊं मैं

गाऊं तेरी जय सदा तो

तुझ सा बन जाऊं मैं

3. तू ही जो है मुझको बुलाता

देता है जीवन जल

तेरी शक्ति पाऊं सदा और

योजनाएं सफल हो जाएं