दिल की आवाज़ सुनो
अब ना इन्कार करो
अपनी जो भी है ख़ता
उसका इक़रार करो
असल तौबा है यही
जिसको दरकार करो
1. कौन ऐसा है यहां
जो ख़तागार ना हो-2
फ़जलो इमदादे ख़ुदा
जिसके दरकार न हो
बक्श सकता है गुनाह
जो गुनाहगार न हो
2. प्यार वो प्यार नहीं
जिसका इज़हार न हो-2
मरने मिटने के लिए
कोई तैयार ना हो
अपने आका की तरह
तुम भी इज़हार करो
3. जिसने इन्सां के लिए
ख़ुद को कुर्बान किया-2
मख़लसी दे के हमें
हम पे एहसान किया
हक्क तो ये है कि उसे
दिल से सब प्यार करो