है दी आवाज़ फरिश्तो ने ज़मी के लोगो को
उतर आया जहा में अब ख़ुदा इंसान बन के
है दी आवाज़
1. वो आया है गुनाह की कैद से आजाद करने को
जो उजडे ज़िन्दगी के बाग़ उन्हें आबाद करने को
न हो मायूस ख़ुदा आया उमीदो का जहाँ बनके
उतर आया जहाँ में…
2. जो बैठे है अंधेरो में वो आये रौशनी ले ले
गमो में रहने वाले ज़िन्दगी की हर ख़ुशी ले ले
वो आया है ख़ुदा इंसान, मेंहरबान बनके
उतर आया जहाँ में…
3. चाल वास्ते वो आसमानी प्यार लाया है
नया जीवन नयी रहे नया संसार लाया है
कभी जो ख़त्म न हो आया ऐसी दास्ताँ बनके
उतर आया जहाँ में…