हम तीन राजा पूरब के है
नज़रे भी सब वही की है
सफर दूर का पीछा नूर का
करके हम आये है
को. आ-ऐ रात के तारे अजूबा
शाही तारे खुशनुमा
आगे जाकर राह दिखाकर
कामिल नूर तक पंहुचा
2. सोना लाया मैं कि बादशाह
बैतलेहम में जिसकी बारगाह
खूब ताजदार हो और अश्कार हो
अब्दी शहंशाह
3. मैं लोबान ले आया हूँ
ताकि तुझ को नजर में दूँ
दिल ओ जान से और ईमान से
अब से ख़ुदा मानूं
4. मुर्र मैं लाया मौत का निशान
होगा वह गमगीन परेशान
दु:ख उठा के खून बहा के
होगा वह कुर्बान
5. आ-ऐ रात के तारे अजूबा
शाही तारे खुशनुमा
आगे जाकर राह दिखाकर
कामिल नूर तक पंहुचा
6. शाह ख़ुदा कुर्बानी वह भी
शौकत कुद्रत उल्फत उसकी
कुल जहान में और आसमान में
ज़ाहीर हो जायेगी