ज़बूर–55
हुन ते मैं याहव्वा आगे देवांगा दुहाई-2
मैंनू आपी रहम करके बखशेगा रिहाई-2
1. शाम सुबह दुपहराँ नू
मैं फरयादाँ गुजारां-2
सुणेगा रब्ब रोणा मेरा
नाले सब पुकाराँ-2
2. ओहना दे जंग विच्चों
रब्ब ने मेरी जान बचाई-2
ओहना दा शुमार सी बहुता
करदे जो लड़ाई-2
3. दुश्मणाँ दे ताने सुन के
रब्ब जवाब सुनावे-2
मुढ़ कादीम ओह बैठा है
ओह तख्त नयाँ दे उत्ते-2
4. अपणा भार याहव्वा ते सुट्ट
आपे ओह संभाले-2
सच्चे नू हमेशा तीकर
कदी ना तिलकन देवे-2