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कलीसिया करती इंतजार-Kalishiyan karti intezaar

कलीसिया करती इंतजार-3

अपने वादे के मुताबिक (यीशु आ-3)

1. रात अंधेरी गुजरी जाती है-3

पोह फटते ही ख़ुदावंद (यीशु आ-3)

2. अपने लोग के लिए अब आ-3

ऐ सुबह के सितारे (यीशु आ-3)

3. गुनाह दुनिया से होगा दूर-3

ऐ सुलह के शहजादे जल्दी आ