मेरे जीवन का मकसद तू है
मेरे जीने का कारण तू है
मैं जीयूँ या मरूँ, वो तेरे लिये
तू मेरा प्रभु
1. पिछला सब भूलकर, मैं आगे दौड़ा चलूँ
जो मेरे लिये धन था, उसको मैं त्याग दूँ
कि मैं पाऊँ उससे पुरस्कार, दौड़ा मैं जाऊँ
2. मुझ पर है कृपा, बेकार ना जाने दूँ
जिसने मुझे चुना, उसकी और मैं बढ़ूँ
देखूँ तेरी सलीब पर, खिंचा मैं जाऊँ