प्रभु मेरा चरवाहा, प्रभु मेरा रखवाला,
कोई घटी मुझे नहीं है
1. सुखदायी झरने के पास, ले जाता बुझाने मेरी प्यास,
धर्म के मार्ग में वो, ले चलता है मुझे अपने साथ
2.शत्रुओं के सामने, आदर बढ़ाता है मेरा,
आनन्द के तेल से उसे, अभिषेक करता है मेरा
3. घोर अन्धकार से भरी, घाटी से यदि मैं चलूं,
कोई हानि से न डरूंगा, प्रभु मेरी करता है रक्षा
4. करूणा भलाई और जीवन, निश्चय मेरे साथ रहेगा,
अपने प्रभु के भवन में, सर्वदा मैं वास करूंगा