1. कब तक ख़ुदा मेरे कब तक-2
ए ख़ुदा मुझ पे अपना कहर न दिखा
अब तो मुझ पे रहें कर की मैं मेंर चला
मुझ को दे दे शिफ़ा-2
बेकरारी मेरी जाँ की बढती रहेगी
कब तक ख़ुदा मेरे कब तक-2
2. ए ख़ुदावंद तू अब
मेरी जां को छुडा
अपनी रहमत की खातिर से
मुझ को बचा
मर के कैसे करूँगा तुझे याद मैं
कब्र में शुक्र कैसे करूँगा अदा
मैं तो करहाते करहाते थक ही गया
और कब तक ख़ुदा मेरे कब तक
3. मेरे बिस्तर पे है आंसुओं की नमी
मेरी आँखे भी रो-रो के जाती रही
ए मेरे दुश्मनों तुम ये सुनलो ज़रा
मेरे मालिक ने सुनली है मेरी दुआ
है वो दुश्मन मेरे बेकरार
और शर्मिंदा
रहमत ख़ुदा तेरी रहमत……