को. कलवरी पर यीशु मुआ-2
वहाँ जीवन का सोता निकाला
पापी प्यास तू अपनी बुझा-2
1. उसके पंजर में भाला छिदा उसके हाथों में कीले ठुके
उसने क्या क्या दुःख न सहा-2
2. उसके लहू से ले तू नहा
साफ होंगे तेरे गुनाह
वह सब के लिए है मुआ-2
3. हे पापीयों तुम भी पीओ,
हे धर्मियों तुम भी पीओ
वह सब क लिए है मुआ-2
4. वह सूली पे है चढ़ गया,
कहा उसने कि पूरा हुआ,
द्वार मुक्ति का खोला गया