चख कर मैंने जाना है,
यहोवा कैसा है भला
उद्धारकर्ता की शरण में,
मैं आके धन्य हुआ
1. जीवन भर मैं तेरी,
स्तुति किया करूँगा,
उत्तम पदार्थों से तूने,
मुझको है तृप्त किया…चखकर…
2. जीवन भर मैं तेरी,
करूणा को ना भूलूँगा,
संकट में जब मैं पड़ा,
तूने आके सहारा दिया…चखकर…
3. प्रतिकूल परिस्थिति में,
सामर्थ मैंने तेरी देखी,
अपने वायदों को तूने,
मेरे जीवन में पूरा किया…चखकर…