Skip to content
Home » Song Book » » आह वह प्यारी सलीब – Aha Woh Pyari Salib

आह वह प्यारी सलीब – Aha Woh Pyari Salib

1. आह वह प्यारी सलीब,

मुझको दिख पढ़ती है,

एक पहाड़ी जो खड़ी थी,

कि मसीह-ए-मसलूब ने नदामत उठा,

गुनाहगारों की ख़ातिर जान दी।।

 

को. पस न छोड़ूँगा प्यारी सलीब,

जब तक दुनिया में होगा क़याम,

लिपटा रहूँगा मैं उसी से,

कि मसलूब में है अब्दी आराम।।

 

2. आह वह प्यारी सलीब,

जिसकी होती तहक़ीर,

है मुझको बेहद दिल अज़ीज़,

की खुदा ए महबूब और जलाली मसीह,

ने पहुँचाया उसे कैलवरी।।

 

3. मुझे प्यारी सलीब में जो लहू लुहान,

नज़र आती है ख़ूबसूरती,

की खुदा के यीशु ने कफ़्वारा दिया,

ताकि मिले मुझे ज़िंदगी।।

 

4. मैं उस प्यारी सलीब का रहूँ वफ़ादार,

सिपाही हमेशा ज़रूर,

जब तक मेरा मसीह ना करेगा मुझे,

अपने अब्दी जलाल में मंज़ूर।।