डरो मत चुपचाप खड़े रहो
ख़ुदा की नज़ात के काम देखो-2
1. पूरबी हवाएँ जब चलती हैं
खुशक जमीं हो जाती है
पाणियों का ढ़ेर लग जाता है
ऊँची दिवार बन जाती हैं
2. वो ही पाणी जो डराता था
और रास्ता भी ना देता था
हुक्मे ख़ुदा से वो ही पानी
बस मुरदा हो के बैठा था
3. ख़ुदा की सना मैं गाऊँगा
जलाल से फतहमंद हुआ
ख़ुदावंद मेरा साहे बेजंग हैं
ख़ुदावंद मेरा जोर मेरा किला