1. तेरा हूँ ऐ रब्ब, सुनता तेरी बात, जो बताती तेरा प्यार
मैं ईमान के साथ आता तेरे पास,
तेरा ही हूँ तलबगार-2
रख तू मुझको, मुझको,
मुझको ऐ मसीह
जहाँ चश्मा क्रूस से हैं ख़ास
रख तू मुझको, मुझको,
मुझको ऐ मसीह
अपने ज़ख्मी पहलू पास
2. मुझको पाक कर अब
कि मैं तेरा काम,
करूँ दिल से ठीक और खूब,
तेरी मर्ज़ी पाक मुझसे पूरी हो
मेरी मर्ज़ी हो मग्लूब-2
3. कैसी राहत ख़ास दिल को मिलती है
जब मैं जाता पाक हुज़ूर
जब मैं दुआ में आता तेरे पास
तब तू करता है मसरूर-2
3. तेरा मीठा प्यार और भी जानूंगा
जब मैं जाऊँगा आसमान
जब मैं देखूँगा तेरे चेहरे को
तब खुश होगी मेरी जान-2