पापां तो आज़ाद हो के
बन्दा बण रब्ब दा
जिहड़े कम्म आया
ओसे कम्म क्यों नहीं लगदा
1. अदन दे विच्च जिहड़ा
तेरे नाल बोलिया
बण के मसीहा ओहने
भेद सारा खोलिया
सुन के आवाज ओहदे वल्ल
क्यों नहीं भज़दा
2. आया सी मसीहा प्यारा
तेरे ही बचाउन नूं
आप होया दु:खी
तेरी बिगड़ी बनाउन नूं
ओहदे वल मुर्खा तू
छेती क्यों नहीं भज़दा
3. रब्ब ने बनाया तैनूं
मिट्टी दे खिडौनियां
करना ए मान काहदा
घड़ी दे परौणेया
एह नहीं तेरा देश
तैनूं चंगा भला लगदा
4. देखिया अमालनामा
जदों तेरा जायेगा
दोज़खां दा हुक्म
सुनाया तदों जायेगा
पता लग्गू जदों
लाँबू लग्गू अग्ग दा