प्रभु का धन्यवाद करूँगा,
उसकी संगति में सदा रहूँगा
साथ चलूँगा मैं जय ज़रूर पाऊँगा-2
1. ना देगी मुझे दुनिया कभी भी
कोई सुख और शांति आराम
मेरे यीशु के साथ धन्य संगति में
सदा मिलती खुशी मुझको;
2. मेरी ज़िन्दगी की हर परेशानी में
खुल जाता है आशा का द्वार
कभी ना हटूँगा कभी ना डरूँगा
चाहे जान भी देना पड़े;
3 कितना अच्छा है वो कितना धन्य है वो
यीशु ही मेरे जीवन का साथी
मेरी ज़रूरतों को पूरा करता है वो
कोई घटी नहीं मुझको;
4 मेरी आयु के दिन पग पग में सदा
तेरी सेवा को पूरी करूँगा
इक बत्ती समान जलता रहूँगा
तेरी महिमा मेरी कामना;