मेरे गुनाह की ली तूने सज़ा
चाबुक की मार से
कुछ ना दिया मैंने कुछ ना दिया
बदले में प्यार के
ये क्या किया तूने क्यू ये किया
जान देके तूने ये जीवन दिया
1. दर्द था मेरा जो तूने सहा
चढ़ के सलीब पे
कर्ज़ा किया मेरा तूने अदा
कांटों और कीलों से
फिर भी ना कम हुआ प्रेम तेरा
जान देके तूने ये जीवन दिया
2. मरते हुए माफ़ करके गया
ज़ुल्म और सितम मेरे
मेरे लिए तूने खाई सज़ा
दुनिया की ठोकरे
ये क्या किया तूने क्यों ये किया
जान देके तूने ये जीवन दिया