लहू लहू यीशु का लहू,
गुनाहों से हमको धोता है,
मसा मसा मसीह का मसा,
बन्धन सारे खोलता है
1. बढ़े बढे़ न पीछे हटे,
ख़ुदावन्द का रुह फरमाता है,
शिफ़ा शिफ़ा मुकदस शिफ़ा,
पाक लहू दिलाता है
2. ख़ुदा ख़ुदा हमारा ख़ुदा,
दिल में रहना चाहता है,
ख़ुदा ख़ुदा हमारा ख़ुदा,
रुह से भरना चाहता है