1. सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो
सारी सृष्टि के रक्षक तुम्हीं हो
करते हैं तुझको सादर प्रणाम
गाते हैं तेरे ही गुणगान
को. हा-हा-हा – हालेलुयाह- 4
2. सारी सृष्टि को तेरा सहारा
सारे संकट से हमको बचाना
तेरे हाथों में जीवन हमारा है
अपनी राहों पर हमको चलाना
3. हम हैं तेरे हाथों की रचना
हम पर रहे तेरी करुणा
तन, मन, धन हमारा तेरा है
इन्हें शैतां को छूने न देना
4. अब दूर नहीं है किनारा
धीरज को हमारे बढ़ाना
जीवन की हमारी इस नैया को
भवसागर में खोने न देना