सहारा मुझको चाहिए,
सहारा दे मुझे ख़ुदा,
मुझे संभाल मैं गिरा,
मुझे संभाल मैं गिरा
1.कठिन है रास्ते बहुत,
हर एक मोड़ पर ख़तर,
अँधेरे सायों को हटा,
दिखा दे मुझको अब सहर
2.जहां के रास्तों पे मैं,
अकेले चल न पाउँगा,
अगर जो चलना चाहूँ भी,
फिसल के गिर मैं जाऊंगा
3. ये बोझ जो गुनाहों का,
मैं उठाए चल रहा,
उठाएगा अगर कोई,
वो तू ही है मेरे ख़ुदा