ऐ खुदावंद, तूने मुझको,
जाँच लिया, परख लिया
मेरा उठना, बैठना,
मेरे ख़्याल दूर से, जान लेता है
मेरे रस्ते और मेरी ख्वाबगाह, पता है तुझे
हर रबिश से मेरी, वाकिफ़ है खुदा
1. मेरी ज़ुबां पे,
हर एक बात को तू, जानता है
हाथ अपना तूने मेरे,
आगे और पीछे रखा है,
मैं तेरे रूह से,
बचकर के कहाँ जाऊँगा
तेरी आँखों से भला,
कैसे मैं, चुप जाऊँगा
तू आसमान का खुदा है,
तू समंदर में बसा है
2. अगर कहूँ के अंधेरा
मुझे छुपा लेगा
तेरी नज़र में उजाला,
अंधेरा एक सा है
मेरे दिल को बनने वाला
खुदा, है तू ही
पेट में माँ के मुझे
तूने मेरी सूरत दी
अजीब तौर से मैं बना,
हैरत अंगेज़, तेरे काम
3. ऐ खुदा तेरे ख़्याल
मेरे लिए, कितने हैं
अगर गिनूँ तो रेत से
भी कहीं ज़्यादा हैं
जाग उठते ही तुझे
पास मेरे पाता हूँ
देख मैं तेरे दुश्मनों से
दूर रहता हूँ
मुझे आज़मा, राह पे चला
हर बदी से, मुझको बचा