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गिन-गिन के स्तुति करूँ-Gin Gin ke Stuti Karu

गिन-गिन के स्तुति करूँ,

बेशुमार तेरे दानों के लिए,

अब तक तूने सम्भाला मुझे,

अपनी बाहों में लिये हुऐ

1. तेरे शत्रु का निशाना,

   तुझ पर होगा न सफल,

   आँखों की पुतली जैसे,

   वो रखेगा तुझे हर पल

2. आंधियाँ बन के आये,

    ज़िन्दगी के फिकर,

    कौन है तेरा खेवनहारा,

    है भरोसा तेरा किधर

3.  आये तुझे जो मिटाने,

     वे शस्त्र होगें बे असर,

     तेरा रचनेवाला तुझ पर,

     रखता है अपनी नजर