उपकार की भेटें अपनी़,
प्रभु को चढ़ाना है
1. जो भी हमारा प्रभु का सारा़, जिसका उसको देना है,
भण्डारी हम प्रभु के जग में,
दसवां ही लौटाना है
2. ख्रीष्ट यीशु ने स्वर्ग को त्यागा़,
हम को प्रेम दिखाना है,
हिस्सा दो प्रभु को जो कुछ हो़,
निज भेंटे भी लाना है
3. ईश्वर की है कृपा भारी,
हमको धन्य मनाना है,
सारा जीवन दे दो प्रभु को,
तब आशिषें पाना है