छोटी छोटी गलियों में गूँजता है
तेरा बड़ा नाम
कच्चे घरोंदों में तेरी सिताईश
सुबह शाम
बूढ़े बूढ़े हाँथों ने थाम के रखा
तेरा कलाम
कमज़ोर नज़रों का तेरी ही
ज़ानिब है ध्यान
1. ओ संगी यार मेरे आखदे ने मैंनु कख़रोब
ओह की जाणदे ने मेरे नाल मसीह दा की संजोग
मैं तो हर नगर अपने ख़ुदावन्द
की राहें संवारता चलूँ
2. टेढ़े मेढ़े रस्तों पर तेरी ओर चलते हैं तमाम
कितनी भी दूरी हो तुझमें ही करते हैं क़याम
(3. खेरियाँ दे नावें लाइयाँ मैं ते लाइयाँ सी सदा
जोगियाँ दी होके होई सां मैं होई सां तबाह) – मुलतानी भाषा है
मैं तो हूँ दुल्हन उस दूल्हे राजा की
आसमानों से जो आएगा