प्रेमी तेरे ही पाँवों तले मैं, पाता हूँ तसल्ली,
धुन के साथ गाता रहूँगा, आनन्द के गीतों को
शरणस्थान यीशु निधान, आराधना-2
1. तेरे पराक्रम के कामों को देखकर,
दिल में उठती है तरंग
सारी तेरी भलाई सोच कर, धन्यवाद देता हूँ
पराक्रमी और प्रेमी, आराधना-2
2. कुर्बान हुआ तू, मेम्ने के रूप में,
उठा लिया पापों को,
पवित्र लहू, मेरे ही कारण बहा दिया तूने़,
पवित्र प्रभु, सृजनहार, आराधना-2
3. कोई भी तकलीफ, जीवन में आए,
कभी न छोड़ूँ तुझे
लहू बहाकर गवाही बनकर, जीवन बिताऊँ सदा
मुक्ति दाता, यीशु राजा, आराधना-2