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बरकत और इज्जत और जय-Barkat aur izzat aur jay

1. बरकत और इज्जत और जय तेरी हो,

     और जय तेरी हो, और जय तेरी हो,

     बरकत और इज्जत और जय तेरी हो,

     कि तू ही तख्त पर है

को.     तारीफ़, तारीफ़ हर एक जन ललकारे-2
     तारीफ़, तारीफ़, कि तू ही तख्त पर है
     फिर बोल हाल्लेलुयाह, जय हाल्लेलूयाह,
     तारीफ़, हाल्लेलूयाह, मुबारक उसका नाम,

 -2. उसके आगे गिरकर, सिज़दा कर दिल जाने से,

     मालिक है, अफ़जल बादशाह भी