ज़बूर – 91
या रब्ब तूँ मेरी पनाह हैं
सो तूँ हैं मेरी जान-2
ख़ुदावंद दे विच रैंहदी है
ओह तेरा है मकान-2
1. सो तेरे उत्ते कदी वी
न आफत आवेगी-2
तपाली तेरे डेरे विच
ना कदी जावेगी-2
2. रब्ब तेरे वासते करेगा
फरिश्तेयाँ नूँ फ़रमान-2
के ओ सब तेरियाँ राहाँ विच
होण तेरे निगहबान-2
3. सो तैनु आप्णेयाँ हत्थाँ ते
ओह आप उठावणगे-2
तद पथराँ दे नाल तेरे पैर
ना ठेडे खावणगे
4. तू शेर ते सप्प लताडेंगा
शेर बच्चे अजगर वी-2
दू पैराँ हेठाँ फेवेंगा
फेर खोपड़ी ओहनादी-2