1. यीशु है मेरा कैसा बिलास,
मन में वह देता महिमा की आस
मुक्ति का भागी स्वर्ग मेरा घर,
उसमें मैं रहता सदा निडर
को. यह मेरा हाल है यह मेरा गान,
उसी का यश मैं करता बखान-2
2. पूरा भरोसा आनन्द और सुख,
अब मेरे मन में, न शोक है न दुःख,
रव्रीष्ट से ही हुआ दया का ज्ञान,
दूत गण अब करते प्रेम का बखान
3. रव्रीष्ट पर में रखता पूरा विश्वास,
रहता सुरक्षित उसी के पास,
उसी के प्रेम से पाता विश्राम,
जाऊंगा अन्त मैं स्वर्गीय धाम