ज़बूर – 63
तड़के मैं तेनू ढूंडा
याह रब्ब मेरे ख़ुदा याह-2
1. मेरी जान तेरी तिहाई
तन मन मेरा खुश्क साई-2
घुप्प ने ज़मीन जलाई
मैं वी हाँ तेरा तिहाया
2. मैं वेखां तेरी कुदरत
नाले तेरा ज़ोर ते हशमत-2
जेहा तेरे घर मुकद्दस
विच मैंनु नज़री आया
3. तेरी जो मेंहरबानी
बेहतर की ज़िंदगानी-2
होवे मेरी जुबानी
वड्याई वी ख़ुदा याह
4. जद तीक मैं जिऊंदा रहांगा
धनवाद तैनू कहाँगा-2
नां तेरा जां मैं लांगा
हत्थ अपना उतहां उठाया
5. रज्ज मेरी जान जावे
ज्यों चर्बी गूदा खावे-2
मुंह मेरी गीत गावे
खुशियाँ दे विच जो आया