ज़बूर 102
विच्च तेरे हज़ूर
मेरी दुआ हुण पहुँचे
1. मुँह मैथों ना छुपावीं
तंगी विच्च हत्थ वधावीं
देवीं उत्तर जरुर
मेरी दुआ हुण पुहँचे
1. धुएं वांग उम्र गई मेरी
हड्डियाँ बालण दी ढेरी
जिवें बलदा तंदूर
मेरी दुआ हुण पहुँचे
2. मेरी उम्र दे दिन दे साह आ
मैं घाह वांगर कुम्लाया
सुक के होया मैं चूर
मेरी दुआ हुण पहुँचे
3. तेरे गुस्से ने ख़ुदाया
मैनूं चुक के फेर डिगाया
होया तैत्थों मैं दूर
मेरी दुआ हुण पहुँचे