1. यीशु है मेरी पनाह,
वही है मेरी चट्टान
लंगर मैं डालता उसमें,
जिस वक्त आ घेरते तूफान
2. दुनिया के इस सफर में,
फिक्रों का होता जब शोर
यीशु एक ही झिड़की से,
तोडता सब आंधी का ज़ोर
3. दुःख से जब हूँ परेशान
जब जाना चाहता हूँ पार,
तब उसका उम्दा कलाम,
रोशनी का होता मिनार
4. मुझे है पूरा यकीन,
पहुचूँगा एक दिन किनार
सुनहरे साहिल पर मैं
पाऊँगा उसका दीदार